Home Loan (होम लोन) : घर खरीदना हर इंसान का सपना होता है, खासकर मिडिल क्लास फैमिली के लिए। लेकिन महंगाई और बढ़ती ब्याज दरों की वजह से यह सपना पूरा करना मुश्किल हो जाता है। इसी समस्या को समझते हुए सरकार ने होम लोन पर कई तरह की छूट और सुविधाएं दी हैं, जिससे आम आदमी के लिए घर खरीदना आसान हो सके। इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि सरकार की योजनाओं से आपको कैसे फायदा हो सकता है और किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
Home Loan पर सरकार की योजनाएं और सब्सिडी
सरकार ने कई ऐसी योजनाएं शुरू की हैं, जिनका फायदा लेकर मिडिल क्लास फैमिली अपने सपनों का घर खरीद सकती है।
प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY)
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पहली बार घर खरीदने वालों को सरकार की तरफ से सब्सिडी मिलती है। यह योजना मुख्य रूप से निम्नलिखित वर्गों के लिए है:
- EWS (Economically Weaker Section) – जिनकी सालाना आय ₹3 लाख से कम है
- LIG (Low Income Group) – जिनकी सालाना आय ₹3-6 लाख के बीच है
- MIG-I (Middle Income Group-I) – जिनकी सालाना आय ₹6-12 लाख के बीच है
- MIG-II (Middle Income Group-II) – जिनकी सालाना आय ₹12-18 लाख के बीच है
PMAY के तहत सब्सिडी का लाभ
आय वर्ग | अधिकतम सब्सिडी (%) | अधिकतम लोन राशि जिस पर सब्सिडी लागू होगी |
---|---|---|
EWS/LIG | 6.5% | ₹6 लाख तक |
MIG-I | 4% | ₹9 लाख तक |
MIG-II | 3% | ₹12 लाख तक |
अगर आप इस योजना के तहत लोन लेते हैं तो आपको ब्याज दर पर भारी छूट मिल सकती है।
होम लोन पर टैक्स छूट: कैसे मिलेगा फायदा?
होम लोन लेते समय आपको टैक्स बचाने के भी कई विकल्प मिलते हैं।
धारा 80C के तहत छूट
- होम लोन के प्रिंसिपल अमाउंट पर ₹1.5 लाख तक की टैक्स छूट मिलती है।
धारा 24(b) के तहत ब्याज पर छूट
- होम लोन के ब्याज भुगतान पर ₹2 लाख तक की टैक्स छूट मिलती है।
संयुक्त होम लोन लेने पर दोगुना फायदा
अगर पति-पत्नी दोनों मिलकर लोन लेते हैं और दोनों की इनकम टैक्स रिटर्न फाइल होती है, तो दोनों को अलग-अलग ₹2 लाख तक ब्याज पर और ₹1.5 लाख तक प्रिंसिपल अमाउंट पर छूट मिलती है। यानी कुल मिलाकर ₹7 लाख तक का टैक्स बचाया जा सकता है।
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होम लोन लेते समय किन बातों का ध्यान रखें?
होम लोन लेना जितना फायदेमंद हो सकता है, उतना ही सावधानी से प्लान करना जरूरी है।
1. सही बैंक या NBFC का चुनाव करें
- बैंकों की ब्याज दरों की तुलना करें।
- प्रोसेसिंग फीस और अन्य चार्जेज देखें।
- लंबी अवधि के लिए लोन लेने से EMI कम होगी, लेकिन कुल ब्याज ज्यादा देना होगा।
2. फिक्स्ड और फ्लोटिंग ब्याज दर का सही चुनाव करें
- फिक्स्ड रेट – ब्याज दर स्थिर रहती है, लेकिन ज्यादा होती है।
- फ्लोटिंग रेट – मार्केट के हिसाब से घटती-बढ़ती है, लेकिन कम होती है।
3. डाउन पेमेंट की प्लानिंग करें
- आमतौर पर 10-20% डाउन पेमेंट देना होता है।
- ज्यादा डाउन पेमेंट देने से ब्याज का बोझ कम हो सकता है।
रियल लाइफ उदाहरण: कैसे एक मिडिल क्लास परिवार ने उठाया लाभ?
केस स्टडी 1: राजेश और उनकी होम लोन प्लानिंग
राजेश एक प्राइवेट कंपनी में काम करते हैं और उनकी सालाना इनकम ₹10 लाख है। उन्होंने PMAY-MIG-I के तहत 4% की सब्सिडी का लाभ उठाया और ₹30 लाख के लोन पर करीब ₹2.35 लाख की बचत की। इसके अलावा, उन्होंने टैक्स छूट का भी पूरा फायदा लिया, जिससे उनकी कुल बचत लगभग ₹5 लाख हो गई।
केस स्टडी 2: संयुक्त लोन से फायदे में रही प्रिया और अमित की जोड़ी
प्रिया और अमित दोनों नौकरीपेशा हैं और उन्होंने ₹40 लाख का होम लोन संयुक्त रूप से लिया। दोनों ने धारा 80C और 24(b) के तहत टैक्स छूट ली और कुल मिलाकर ₹7 लाख से ज्यादा की टैक्स बचत की।
क्या यह सही समय है होम लोन लेने का?
अगर आप भी घर खरीदने का सपना देख रहे हैं तो यह सही समय हो सकता है। सरकार की योजनाओं और टैक्स छूट का सही इस्तेमाल करके मिडिल क्लास परिवार को भारी बचत हो सकती है। सही प्लानिंग, समझदारी से बैंक का चुनाव और सरकारी स्कीम्स का फायदा उठाकर आप भी अपने सपनों का घर खरीद सकते हैं।
जल्दी करें! योजनाओं का लाभ सीमित समय तक ही उपलब्ध है।