CIBIL Score ( सिबिल स्कोर) : अगर आपने कभी लोन लिया है या लेने की योजना बना रहे हैं, तो आपने “सिबिल स्कोर” (CIBIL Score) का नाम जरूर सुना होगा। यह स्कोर आपकी क्रेडिट हिस्ट्री को दर्शाता है और बैंकों व वित्तीय संस्थानों के लिए यह तय करने का आधार होता है कि आपको लोन देना सुरक्षित रहेगा या नहीं।
हालांकि, कई बार लोगों को गलत जानकारी के कारण कम सिबिल स्कोर की समस्या का सामना करना पड़ता है, और जब वे इसे सुधारने की कोशिश करते हैं, तो उनकी शिकायतों को निपटने में महीनों लग जाते हैं। इसी समस्या को हल करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अब एक नया नियम लागू किया है, जिसके तहत सभी क्रेडिट स्कोर संबंधित शिकायतों को 30 दिनों के भीतर हल करना अनिवार्य होगा।
CIBIL Score क्या है और यह क्यों महत्वपूर्ण है?
सिबिल स्कोर 300 से 900 के बीच का एक तीन-अंकीय नंबर होता है, जो आपकी क्रेडिट हिस्ट्री और फाइनेंशियल बिहेवियर को दर्शाता है। यह स्कोर निम्नलिखित कारणों से महत्वपूर्ण है:
- लोन स्वीकृति में मदद: उच्च सिबिल स्कोर वाले लोगों को बैंकों से आसानी से लोन मिल जाता है।
- कम ब्याज दर: बेहतर सिबिल स्कोर होने पर लोन पर ब्याज दरें कम हो सकती हैं।
- क्रेडिट कार्ड अप्रूवल: अच्छा क्रेडिट स्कोर होने पर हाई-लिमिट वाले क्रेडिट कार्ड मिलने की संभावना बढ़ जाती है।
- रेंटल और जॉब वेरिफिकेशन: कई कंपनियां और मकान मालिक भी अब किराएदार या कर्मचारी की क्रेडिट हिस्ट्री जांचते हैं।
RBI का नया नियम: 30 दिनों में हल होगी क्रेडिट स्कोर से जुड़ी शिकायतें
RBI ने यह स्पष्ट किया है कि अब कोई भी ग्राहक यदि अपने क्रेडिट स्कोर में किसी गलती की शिकायत करता है, तो क्रेडिट इंफॉर्मेशन कंपनियों (CICs) को इसे 30 दिनों के अंदर हल करना होगा। पहले यह प्रक्रिया कई महीनों तक खिंच सकती थी, जिससे लोगों को परेशानी होती थी।
इस नए नियम के तहत क्या-क्या प्रावधान होंगे?
- शिकायत निपटान के लिए 30 दिन की समय सीमा: CICs को ग्राहक की शिकायत 30 दिनों के अंदर हल करनी होगी।
- सही जानकारी की जिम्मेदारी: यदि किसी व्यक्ति के क्रेडिट स्कोर में गलत जानकारी पाई जाती है, तो उसे ठीक करने की पूरी प्रक्रिया तेजी से की जाएगी।
- पेनल्टी का प्रावधान: अगर कोई क्रेडिट ब्यूरो शिकायत निपटाने में लापरवाही करता है, तो उस पर जुर्माना लगाया जा सकता है।
- ग्राहकों की सुविधा बढ़ेगी: अब उपभोक्ताओं को महीनों इंतजार नहीं करना पड़ेगा, जिससे लोन अप्रूवल में देरी नहीं होगी।
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गलत सिबिल स्कोर सुधारने के लिए क्या करें?
अगर आपको लगता है कि आपका सिबिल स्कोर गलत दर्शाया जा रहा है, तो आप निम्नलिखित कदम उठा सकते हैं:
- अपनी क्रेडिट रिपोर्ट चेक करें: CIBIL, Experian, Equifax और CRIF High Mark जैसी क्रेडिट एजेंसियों से अपनी रिपोर्ट डाउनलोड करें।
- गलतियों को पहचानें: देखें कि कहीं किसी गलत लोन एंट्री, डिफॉल्ट, या किसी अनधिकृत क्रेडिट कार्ड का रिकॉर्ड तो नहीं है।
- शिकायत दर्ज करें: अगर कोई गलती पाई जाती है, तो तुरंत संबंधित क्रेडिट ब्यूरो में ऑनलाइन या ईमेल के माध्यम से शिकायत करें।
- बैंक से संपर्क करें: यदि कोई गलत जानकारी बैंक की ओर से गई है, तो अपने बैंक से संपर्क कर इसे ठीक करवाएं।
- RBI के नियमों का लाभ उठाएं: अब आपकी शिकायत को 30 दिनों में निपटाना अनिवार्य है, इसलिए देर न करें।
क्या गलत क्रेडिट रिपोर्ट से लोन रिजेक्ट हो सकता है?
हां, अगर आपकी क्रेडिट रिपोर्ट में किसी प्रकार की गलती है, तो बैंक या वित्तीय संस्थान आपका लोन रिजेक्ट कर सकते हैं। कई मामलों में ऐसा देखा गया है कि व्यक्ति ने समय पर अपने सभी भुगतान किए, फिर भी उसकी क्रेडिट रिपोर्ट में डिफॉल्टर के रूप में एंट्री थी।
एक सच्ची घटना:
अमित, जो एक आईटी प्रोफेशनल हैं, ने होम लोन के लिए अप्लाई किया। जब बैंक ने उनकी क्रेडिट रिपोर्ट चेक की, तो उसमें किसी अन्य व्यक्ति के लोन का डिफॉल्ट दर्ज था। इस कारण उनका लोन रिजेक्ट हो गया। बाद में, जब उन्होंने इस गलती को ठीक करने के लिए क्रेडिट ब्यूरो से संपर्क किया, तो उन्हें तीन महीने तक इंतजार करना पड़ा।
अब, RBI के नए नियम के अनुसार, इस तरह की समस्याओं को 30 दिनों में हल किया जाएगा, जिससे ग्राहकों को बड़ी राहत मिलेगी।
क्रेडिट स्कोर सुधारने के आसान तरीके
अगर आपका क्रेडिट स्कोर कम है, तो निम्नलिखित तरीके अपनाकर इसे सुधार सकते हैं:
- समय पर EMI और क्रेडिट कार्ड भुगतान करें।
- क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेशियो 30% से कम रखें।
- पुराने क्रेडिट कार्ड बंद न करें, क्योंकि वे आपकी लंबी क्रेडिट हिस्ट्री को बनाए रखते हैं।
- अक्सर लोन या क्रेडिट कार्ड के लिए अप्लाई न करें।
- मिश्रित क्रेडिट (secured + unsecured loans) का संतुलन बनाए रखें।
RBI के नए नियम से उपभोक्ताओं को क्या फायदा होगा?
RBI का यह नया नियम ग्राहकों के हित में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे वे लोग सबसे ज्यादा लाभान्वित होंगे, जो गलत क्रेडिट रिपोर्ट के कारण लोन अप्रूवल में देरी या अस्वीकृति का सामना कर रहे थे।
अब ग्राहक आसानी से अपनी शिकायत दर्ज कर सकते हैं और उन्हें भरोसा रहेगा कि उनकी समस्या को 30 दिनों में हल कर दिया जाएगा। इससे न सिर्फ पारदर्शिता बढ़ेगी, बल्कि ग्राहकों का क्रेडिट ब्यूरो और बैंकिंग सिस्टम पर विश्वास भी मजबूत होगा।
अगर आप भी अपने क्रेडिट स्कोर को लेकर चिंतित हैं, तो अभी अपनी रिपोर्ट चेक करें और यदि कोई गलती हो तो तुरंत शिकायत करें, क्योंकि अब इंतजार करने की जरूरत नहीं है!